कही बच्चे ऐसे होते है जिन्हे भूतिया कहानी सुनना और पढ़ना बहुत पसंद होता है। ऐसे बच्चो को ध्यान में रखते हुए हमने यहाँ सबसे ज़्यादा लोकप्रिय और दिलचस्प कहानियो को प्रदर्शित किया है। जो डरावनी होने के साथ साथ आपको पूरा मनोरंजन देने में भी सक्षम रहेगी।

यहाँ दर्शाई गयी कहानी को मुख्य रूप से धोरण 4 से 7 में पढ़ने वाले बच्चो को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। ऐसी कहानिया उन्हें मनोरंजन के साथ साथ बहुत कुछ सिखाती भी है। ऐसी ही नई और बेहतरीन कहानिया जिसमे आपको डर का अनुभव होगा वह निचे दर्शाई है।
आमतौर पर बच्चो को बचपन में ऐसी कहानिया पढ़ने के लिए दी जाती है, जिससे उन्हें कुछ अच्छा सिखने को मिले। लेकिन यदि साथ में मनोरंजन और भूतिया कहानी हो तो पढ़ने में ज़्यादा मजा आता है। हमने यहाँ ऐसी ही कुछ अनोखी कुल 5 जितनी कहानियो को दर्शाया है।
छोटे बच्चों के लिए 5 बेहतरीन भूतिया कहानी
छोटे बच्चो का दिमाग उस उम्र में विकास कर रहा होता है। यदि उन्हें नई नई, रहस्य और रोमांच से भरी कहानिया सुनाई जाए तो उनकी कल्पना और तार्किक शक्ति का भी विकास होता है। ऐसे में मनोरंजन और इन सभी जरूरतों को पूर्ण करती भूतो की कहानियो को यहाँ प्रस्तुत किया है।
- भूत की कहानिया पढ़े हिंदी में
(1) लाइब्रेरी वाला भूत
एक स्कूल में एक लड़का शंकर पढ़ता था। शंकर अपने साथी के साथ स्कूल की पुस्तकालय में जाता था। उन्हें गुप्त कहानियाँ बच्चों को पढ़ना बहुत पसंद था। एक दिन, उन्होंने धूल से ढकी एक पुरानी किताब देखी। पुस्तक खोलते ही हवा का झोंका आया और प्रकाश चला गया। दोस्त डर गए, लेकिन शंकर ने साहस नहीं खोया।
अगले दिन, लाइब्रेरियन ने उन्हें बताया कि एक छात्र कई साल पहले लाइब्रेरी में मर गया था। तब से लोगों का मानना है कि वहाँ भूत है। यह सुनकर शंकर को और भी गुप्त कहानियां बच्चों के लिए याद आने लगी।
रात में शंकर ने साहस किया और सच जानना चाहा। पुस्तकालय में छिप गया। आधी रात को खुले दरवाजे पर एक सफेद छाया दिखाई दी। डर से शंकर का दिल धड़कने लगा। “मुझे इंसाफ चाहिए!” भूतिया आवाज बोली।
भयभीत शंकर ने पूछा,“तुम कौन हो?” भूत ने कहा कि वह मर गया था। लेकिन उसकी आत्मा मुक्ति नहीं पाई है। मुक्ति पाने के लिए किसी को सच बताना होगा। यह सब गुप्त कहानियां बच्चों के लिए थीं।
अगले दिन शंकर ने सब कुछ प्रिंसिपल को बताया। फिर पुरानी फाइलें जांची गईं और सच्चाई पता चली। उस विद्यार्थी का नाम खुला और उसकी आत्मा बच गई। पुस्तकालय में अजीब घटनाएँ इसके बाद बंद हो गईं।
यह जानकर शंकर और उसके साथी खुश थे कि उन्होंने एक भूत को न्याय दिलाया। इस घटना ने उन्हें बताया कि डर से मुकाबला करना ही सच्चाई है।
(2) जंगल का भूत
एक जगह और पहले घना जंगल हुआ करता था। इसी जंगलो के बिच में एक छोटा सा गांव था। जहा के लोगो का कहना था की वह रात को भूत घूमते थे। जिस वजह से लोगो में काफी दर का माहौल बन चूका था।
हलाकि एक राहुल नाम का लड़का ऐसी बातो को अंध विश्वास समझता था। एक बार की बात है जब उसका दोस्त अर्जुन जंगल में खो गया था। कोई उसको ढूंढ़ने जाने के लिए तैयार नहीं था। तब राहुल ने एक मशाल उठाई और वह जंगल की तरफ आगे बढ़ा।
जंगल में घुसते ही उसे विचित्र आवाजें सुनाई दीं। उसकी मशाल घने पेड़ों और झाड़ियों के बीच चलते-चलते अचानक बुझ गई। हर जगह अंधेरा छा गया। उसने एक भूत की आकृति को देखा। उसकी धड़कने और भी तेज हो गईं, लेकिन उसने साहस नहीं खोया। “अर्जुन! कहाँ हो तुम?” उसने जोर से पूछा। ”
तभी अचानक वह से भूत गायब हो गया और धीरे से उसके दोस्त अर्जुन की आवाज सुनाई दी। बाद में राहुल आवाज की दिशा की तरफ दौड़ कर आगे बढ़ने लगा। तभी उसको वह एक पेड़ के निचे अर्जुन दिखा जो बहुत ही जख्मी हालत में वह पड़ा था। उसने डरते हुए बताया की उसने बहुत देखा तो और वह काफी ज़्यादा डर गया था।
राहुल ने अर्जुन को सहारा दे कर खड़ा किया और वह दोनों वहा से निकलने लगते है। लेकिन रास्ते में उन्हें वह डरावना भूत वापस दीखता है। लेकिन इस बार राहुल ने हिम्मत से बहुत को कहा की हमे छोड़ दो हम तुम्हारे आत्मा की शांति के लिए प्राथना करेंगे। यह सुन कर भूत वही रुक गया और उन दोनों को छोड़ कर चला गया।
वह साया एक धुए की तरह उड़ कर आसमान में चला गया। साथ ही वह डरावना रास्ता भी बिलकुल साफ़ हो गया। राहुल और अर्जुन ने अब चैन की सांस ली और अपने गाँव के रस्ते की तरफ चल पड़े।
उसके बाद उन्होंने गाँव में वापस आ के सबको बताया की भूतो का हिम्मत से सामना करना चाहिए। बिना डरे हम उनसे दूर हो सकते है और अपना बचाव भी खुद कर सकते है। उनकी बहादुरी के चर्चे अब पुरे गाँव में होने लगे थे।
(3) चुड़ैल का खौफ
भारत के कही गाँव ऐसे है जहा भूतो का खौफ बहुत ज़्यादा देखने मिलता है। ऐसा ही एक गाँव है, वहा पर भूतो का बसेरा देखने मिलता है। वहा के लोगो का मन्ना होता था की वह पर देर रात में एक औरत दिखती थी। लेकिन सुमित और उसके दोस्त इस बात को अफवाह समझ कर ध्यान नहीं देते थे।
एक बार सबने लोगो का अन्धविश्वास तोड़ने के लिए हिम्मत कर के जहा पर बहुत आता था उस कुए की तरफ जाने की हिम्मत की। वह सब वहा पहोचे के तभी अचानक से ठंडी हवा चलने लगी। वहा पर जो पेड़ थे उसके पीछे एक डरावनी औरत दिखी जिसके लम्बे बाल और आँखे बिलकुल लाल थी।
सुमित ने हिम्मत कर के उस औरत से पूछा की तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो? तभी सामने से आवाज आयी की वह वही औरत है जो कुंवे में गिर कर मर गयी थी। हलाकि उसकी आत्मा को अभी तक शांति नहीं मिली और वह लोगो को शांति से जीने भी नहीं देगी।
यह सब सुन के सुमित और उसके दोस्त वहा से भागने लगे। गाँव जा का उन्होंने कुछ बुजुर्गो को यह बात बताई। तब उन्होंने जवाब दिया की बहुत समय पहले उस कुंवे में एक औरत की मौत हो चुकी थी। काफी विचारणा करने के बाद उन्होंने कुंवे के पास आत्मा की शांति के लिए एक बड़ी पूजा करवाई।
सुमित और उसके बहादुर दोस्तों की वजह से उस आत्मा को शांति मिल गयी। साथ ही गाँव के लोग भी सुकून से उस कुंवे के आसपास जा सकते है और कुंवे का इस्तेमाल भी कर सकते है। ऐसी बहादुरी से आप बहुत से लोगो के जीवन में सुधार ला सकते है।
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(4) खिलौनों की पुरानी दूकान
एक छोटे से शहर में बहुत साल पुरानी एक खिलौनों की दूकान हुआ करती थी। बच्चो ने इस बारे में बड़ो से बहुत सी बाते और घटनाए सुनी थी। जो उस खिलौनों की दूकान को और ज़्यादा खतरनाक बनाती थी। इस वजह से ज़्यादातर लोग इस दूकान से दूर रहना पसंद करते थे।
लोगो द्वारा यह कहा जाता था की देर रात को इस खिलौनों की दूकान में से किसी के हसने की आवाज़ सुनाई देती है। एक दिन रवि ने तय किया की वह वहा जा कर सच्चाई का पता जरूर लगाएगा। तभी वह और उसके दोस्त हिम्मत कर के उस दूकान की तरफ चले गए।
वहा पर जाते ही उन्होंने देखा की उस पुरानी दूकान का दरवाजा टुटा हुआ था। अंदर जाते ही वहा ठंडी हवाए चलनी लगी, तभी एक तेज हवा का झोका आया और सबके रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने वहा जा कर देखा की हर जगह पुराने खिलौने पड़े हुए थे। उनमे से कुछ खिलौने थोड़े बहुत हिल भी रहे थे, जो काफी डरावने लग रहे थे।
उसी वक्त वहा एक गुड़िया की हसने आवाज कमरे में गूंजने लगी। सारे लोग डर के मारे थर थर कांपने लगे। लेकिन उस वक्त रवि ने हिम्मत नहीं और सबको समझाया। उसी वक्त वहा एक बूढ़े आदमी की परछाई जैसा बहुत अचानक से प्रकट हुआ। वह बोलने लगा वह इस खिलौने की दूकान का मालिक था, जिसकी आत्मा एक खिलौने में कैद है।
उसने कहा की उसने एक बच्चे के साथ अन्याय किया था जिस वजह से उसकी आत्मा को अभी तक मुक्ति नहीं मिली। कोई अगर सच्चे दिल से उनके आत्मा की शांति के लिए प्राथना करे तभी उन्हें मुक्ति मिल सकती है।
रवि ने उस बहुत को मदद करने का वादा किया और उसने आत्मा की शांति के लिए सच्चे मन से प्राथना की। साथ ही जिस बच्चे के साथ अन्याय हुआ था उसको भी प्राथना की गयी वह उसे माफ़ कर दे। ऐसी प्राथना के कारण उस भटकती आत्मा को माफ़ी मिल गयी।
फिर धीरे धीरे उस दूकान का डरावना माहौल बिलकुल शांत होने लगा। उस बुड्ढे आदमी की आत्मा भी हस्ते हस्ते धुआँ बन के वहा से हवा में ओझल होने लगी। ऐसे उन्होंने एक भटकती आत्मा को शांति दिलवाई।
उनकी बहादुरी के कारण अब लोग उस खिलौनों की दूकान के आसपास जाने से बिलकुल नहीं डरते। उन्होंने उस दूकान का डर ख़तम कर दिया और आज वह दूकान फिर से शुरू हो गयी है।
(5) भूतिया रेलवे स्टेशन
आनंदपुर नाम का एक पुराना रेलवे स्टेशन हुआ करता था। जो रात के अँधेरे में और भी ज़्यादा डरावना और खतरनाक लगता था। लोग ऐसी बाते बनाते थे की वहा एक चुड़ैल का बसेरा है जो लोगो को डराने का काम करती है।
फिर एक दिन इस रेलवे स्टेशन पर एक युवा पत्रकार जिसका नाम विक्रम था वह इसकी जांच करने के लिए वहा आया था। वह रात को वहा एक टोर्च और कैमरा लेकर गया। उसने जैसा ही वहा कदम रखा चारो तरफ सर्द हवाई चलने लगी। स्टेशन में चारो तरफ घाना अंधेरा छाया हुआ था और स्टेशन पूरा सुनसान था।
वहा पर उसे किसी के रोने की आवाज सुनाई दी, जिसे सुन कर उसके कदम वही थम गए। उसने आवाज की दिशा की तरफ अपने कदम बढ़ाए। फिर टोर्च से उस तरफ रौशनी की। टोर्च की रौशनी जा कर वहा पड़ी जहा एक औरत की धुंदली सी आकृति दिखाई पड़ती थी।
वहा बैठी औरत सफ़ेद साड़ी में लिपटी हुई थी उसके घने और लंबे बाल किसी को भी डराने के लिए बहुत थे। वह वहा बैठ कर रो रही थी, जब विक्रम ने उसकी तरफ कैमरा घुमाया तो वह वहा से गायब हो चुकी थी। यह देख कर विक्रम बहुत बुरे तरीके से डर गया था।
उसने वहा से जाने के लिए जैसे ही अपने कदम आगे बढ़ाए की तभी आगे की तरफ वाला दरवाजा अपना आप बंद हो गया। यह देख कर वह बहुत ज़्यादा डर जाता है और डर के मारे उसकी धड़कने तेज होने लगती है।
उसने गभराते हुए दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन तभी पीछे से किसी के चलने की आवाज सुनाई दी। विक्रम ने पीछे मुड़ कर देखा तो एक औरत हवा में उड़ते हुए उसकी तरफ आ रही थी। उसकी आँखे कोयले की तरह बिलकुल काली थी। वह उसे देख कर चिल्लाना चाहता था मगर उसकी आवाज़ गले में ही अटक गयी थी।
तभी अचानक आगे की तरफ वाला दरवाजा खुल गया और वह बिना देर किए वह से निकलने लगा। बहुत तेज भाग कर वह वह से बहार आया और बहार आ कर डर के मरे वह बेहोश हो गया था। उसकी आँखे जब खुली तब उसने खुद को एक अस्पताल में पाया। उसने अपने पास रहा कैमरा चेक किया तो उसमे से साडी रिकॉर्डिंग गायब हो चुकी थी।
लोगो का मानना है की आज भी आनंदपुर रेलवे स्टेशन पर उस भटकती हुई आत्मा देखने मिलती है। जिसको कही मुसाफिरों और रेलवे कर्मचारियों ने देखा है। आज भी देर रात में लोग इस जगह पर जाने से डरते है।
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आशा करती हु छोटे बच्चो के लिए सबसे अच्छी और बेहतरीन 5 भूतो की कहानियो की जानकारी अच्छे से दे पायी हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अन्य लोगो के साथ शेयर करना बिलकुल न भूले।