अलग अलग जॉनर में बनी कहानियो के वाचक भी विभिन्न होते है। वैसे ही भूतो की कहानी का वाचक वर्ग भी बहुत बड़ा है। ऐसे लोगो को ध्यान में रखते हुए हमने वर्ष 2025 की सबसे बेहतरीन और बिलकुल नयी भूतो की कहानियो को दर्शाया है।

जिसको पढ़ने पर मनोरंजन के साथ ही डर का अनुभव भी होगा। हलाकि यहाँ दर्शाई गयी कहानियो का सीधे रूप से वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। इसे केवल मनोरंजन के उद्देश्य से ही बनाया गया है।
छोटे बच्चो से लेकर बड़ो तक हर कोई इस कहानी को संपूर्ण मनोरंजन के साथ पढ़ सकता है। यहाँ दर्शाई गयी कहानियो के किरदार और जगह बिलकुल काल्पनिक है। लेकिन आपके अंदर तक डर पैदा करने में यह सक्षम है।
डरावनी भूतिया कहानी (बिलकुल नयी 2025)
अब तक अपने बहुत सी भूतिया कहानी पढ़ी होगी लेकिन अपने यहाँ दर्शाई कहानियो जैसी हॉरर स्टोरीज नहीं पढ़ी होगी। क्यों की यह बिलकुल नयी और मजेदार स्टोरीज है। तो आइये बिना देर किए शुरू करते है आज की सबसे ज़्यादा डरावनी भूतिया कहानियो के बारे में।
(1) मुँज्या की खौफनाफ कहानी
जिस लड़के की कम उम्र में ही मौत हो जाती है ऐसा ब्राह्मण लड़का अक्सर मुँज्या के रूप में अपनी अधूरी ख्वाहिशो को पूर्ण करने के लिए आता है। इसकी एक प्रचलित कहानी महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव की है। जहा के लोगो को मुँज्या अक्सर परेशान करता रहता था।
ऐसी आत्माए खास कर अपनी अधूरी इच्छा मुख्य रूप से शादी करने के इच्छा पूरी करने के लिए अक्सर भटकता रहता है। कहानी एक ऐसी लड़की की है जिससे शादी करने के लिए मुँज्या बेकरार रहता था।
कहानी एक गाँव की लड़की की है जिसका नाम मुन्नी था। एक गोट्या नाम का लड़का बचपन से उसको बहुत प्यार करता था। लेकिन वह अपने प्यार का इजहार कर पाता उससे पहले ही एक पेड़ पर से गिरने के बाद उसकी मौत हो चुकी थी।
उसकी उम्र कम होने के कारण उसकी आत्मा एक मुँज्या के रूप में भटक रही थी। जो मुन्नी के पीछे पड़ गयी थी देर रात उसको सपने में गोट्या ही दिखाई देता था। जैसे जैसे मुन्नी की उम्र बड़ी हुई वैसे वैसे उसके साथ भयानक हादसे होना शुरू हो गए।
पहले तो वह इन सब चीज़ो को अनदेखा करती थी लेकिन उसकी शादी तय हुई तब मुँज्या उसे सच में दिखाई दिया। तब उस वक्त वह बहुत ज़्यादा गभरा गयी थी। हलाकि मुँज्या सिर्फ उसी को दिख रहा था किसी दूसरे को नहीं इसलिए सब उसको मन का वहम समझ रहे थे।
ऐसे चलते एक बार उसका शादी का दिन आ गया वह दुल्हन बन के अपने कमरे में बैठी थी। तभी खिड़की से मुँज्या अंदर आया और मुन्नी को उठा कर समशान वाले पेड़ के पास ले गया। वह मुन्नी को मारने के लिए जैसे ही आगे बढ़ा तभी वह सारे गाँव के लोग पुजारी के साथ आ पहोचे।
पुजारी जी ने एक पुरानी किताब में से कुछ मंत्र पढ़ना शुरू किए। तभी अचानक से मौसम बहुत ज़्यादा खतरनाक होने लगा। मुँज्या ने पुजारी जी को मंत्र पढ़ने से रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नाकामियाब रहा। आखिर में वह वहा से चला गया और मुन्नी की जान भी बच गयी।
(2) चाय की दूकान वाला भुत
शहर से थोड़े दूर एक नेशनल हाईवे गुजरता था जिसपे अक्सर बहुत सी गाड़िया चलती थी। हमारे देश में ऐसे कही बड़े बड़े नेशनल हाईवे है जिनकी भूतिया कहानी बहुत मशहूर है। आज की इस कहानी में हम ऐसे ही एक खतरनाक रोड के बारे में बात करने वाले है।
रात का समय था हाईवे पर बहुत कम गाड़िया चल रही थी वह भी स्पीड में थी। रोड के आसपास अँधेरा दूर करने के लिए लाइट्स भी लगी हुई थी। वहा से एक कार गुजर रही थी। कार ड्राइव कर रहा दीप नींद में था और वह काफी तक भी गया था।
इसी वजह से वह ठीक तरह वह ड्राइव नहीं कर पा रहा था। तभी उसने हाईवे की साइड में एक रोड देखा उसने गाड़ी वहा मोड़ ली। आगे जाकर देखा तो एक छोटी सी चाय की दूकान वहा पर थी। उसने वहा जाकर अपनी गाडी पार्क कर दी।
दूकान के पास रखी एक चेयर पर वह बैठ गया। और उसने वहा पर आवाज लगाई की कोई है। तभी दूकान के पीछे जो घर था उसमे से एक आदमी बहार आया वह बोला बोलिये साहब आपको क्या चाहिए। दीप ने कहा उसको चाय और कुछ नाश्ता चाहिए।
फिर दूकान वाला कुछ सामान लेकर चाय बनाने में जुट गया। दूसरी तरफ दीप अपने मोबाइल में कुछ देख रहा था। उसको तभी एक कॉल आया उसने फ़ोन उठाया तो सामने से उसकी ऑफिस वालो ने कहा की तुम्हे सुबह तक जल्दी पहोचना है, और इम्पोर्टेन्ट फाइल भी उनको देनी है।
उसने चाय वाले को बोला की जल्दी चाय बना दे। हलाकि वह इंसान कुछ न कुछ बहाने सब काम देर से कर रहा था। यह देख कर दीप को गुस्सा आया और वह वहा से जाने लगा। तभी चाय वाले ने उसको रोका और कहा सिर्फ 15 मिनट रुक जाइये साहब नाश्ता बन रहा है।
चाय वाले की बात सुन कर दीप ने दूकान पर वापस आने का निर्णय लिया। चाय और नाश्ता कर के दीप आधे घंटे बाद वहा से निकला। उसने आगे जाकर देखा तो पल टूट कर गिरा था वहा। उसने लोगो को पूछा की यह हादसा कब हुआ तो लोगो ने बताया करीब आधे घंटे पहले ही हुआ।
यह सब सुन कर दीप हक्का बक्का रह जाता है। क्यों की वह भी आधे घंटे पहले ही वहा पर होता और पल टूट कर उसकी गाड़ी पर पड़ता उसकी जान भी चली जाती। उसने मन ही मन में उस चाय वाले का धन्यवाद किया जिसने उसे रोक लिया था।
अगले दिन वह ऑफिस का काम ख़तम कर के वापस हाईवे के पास वाली चाय की दूकान पर गया। लेकिन आज का मंजर बिलकुल अलग था वहा बस एक टूटी दूकान और घर था जो पिछले कही सालो से बंद पड़ा था। उसने आसपास के लोगो से पूछताछ की तो यह जानने को मिला की उस चाय वाले की मौत 5 साल पहले ही हो चुकी थी।
दीप को जानकर बहुत ही हैरानी हुई की उसकी जान बचाने वाला कोई और नहीं बल्कि एक भुत था। तब उसने पुरे मन से उस चाय वाले की आत्मा की शांति के लिए प्राथना की।
(3) रहस्य पुरानी हवेली का
राजस्थान की धरती पर अनेक प्रकार की कथाओ ने आकर लिया था। वहा आज के समय में भी पुराने जमाने की कही हवेलिया हमे वहा देखने मिलती है जो संपूर्ण रूप से एक डर का माहौल खड़ा करने के लिए पर्याप्त है। यहाँ दर्शाई कहानी भी एक पुरानी हवेली के इर्द गिर्द घूमती है।
इशानी और उसका परिवार राजस्थान में अपने गाँव के एक फंक्शन में आए थे। वह लोग शहर के थे इसलिए उन्हें गाँव का कल्चर देखना और घूमना बहुत पसंद आ रहा था। ऐसे ही घूमते घूमते वह लोग गाँव से दूर बनी एक हवेली के पास आ गए।
पता नहीं उस हवेली के पास आते ही इशानी को क्या हो गया। उसको चक्कर आने लगे और धुंधला धुंदला सा कुछ दिखाई देने लगा। ऐसा होने के बाद भी उसने खुद को संभाला और अंदर चली गयी। अंदर जाते ही इशानी को एक कमरा दिखा वह अंदर गयी फिर काफी देर तक बहार ही नहीं आयी।
जब वह बहार आयी तो उसने रानी की तरह अपना साज श्रृंगार किया था। इसे देख कर बहार खड़े उसके परिजन सब अचंबित रह गए। क्यों की इशानी को आमतौर पर ऐसे कपडे पहनना बिलकुल नहीं पसंद था। उसने आकर बताया की वह इस हवेली की मालकिन है।
शुरू में तो सबको ऐसा ही लग रहा था की इशानी कुछ मजाक कर रही है। लेकिन उसका व्यवहार देख कर यह बात तो यह हो चुकी थी वह किसी आत्मा की चपेट में आ गयी है। सब लोगो ने मिल कर उसे अस्पताल ले जाने का निर्णय किया लेकिन वहा ठहरे एक इंसान के मुताबिक लड़की को मंदिर ले जाना सही रहेगा ऐसा कहा।
फिर वहा रहे सब लोग उसे मंदिर में ले गए। वहा रही हवन की सामग्री द्वारा एक बड़ा सा हवन पूजन किया गया। इशानी बेहोश हो चुकी थी इन सब के बिच जब वह होश में आयी तो वह आत्मा के चंगुल से बहार आ चुकी थी।
(4) ऑटो रिक्शा में मिला भूत
रात का समय था विवेक अपने ऑफिस से आज काफी लेट निकला था। आसपास कोई भी भी ऑटो, बस या गाडी नहीं दिखाई दे रही थी जिससे वह घर जा सके। साथ ही रात के 2 बजे होने की वजह से वहा पर कोई इंसान भी नजर नहीं आ रहा था।
विवेक चलते चलते वहा से थोड़ा दूर गया की तभी उसे एक रिक्शा दिखाई दी। उसे देख कर रिक्शे वाले ने ब्रेक लगाई और उससे पूछा की आपको कहा जाना है साहब। फिर विवेक ने उसको जवाब देते हुए कहा की उसे बस यहाँ आगे तक छोड़ देना।
बाद में वह उस रिक्शा में बैठ जाता है जहा पर पहले से ही कोई औरत बैठी हुई थी। थोड़ी देर तक विवेक अपने फ़ोन में कुछ देख रहा था। साथ ही उसने राहत की सांस ली की वह अब थोड़ी ही देर में सही सलामत अपने घर पहोच जायेगा।
उसने अपनी पत्नी अंजलि को भी कॉल लगा कर कहा की वह थोड़ी देर में ही घर आ जायेगा और उसको परेशान होने की जरूरत नहीं है। जैसे ही उसने कॉल कट किया तो उसकी नजर उसके पास बैठी औरत की तरफ गयी जिसने घूँघट ओढ़ रखा था।
उसका स्टॉप जैसे ही आया वह वहा से उतरने लगी उसने रिक्शा वाले को पैसे दिए। जब वह चल रही थी तो विवेक की नजर उसके पैरो में पड़ी जो उलटे थे। यह देख कर वह काफी ज़्यादा डर गया और आश्चर्य में भी पड़ गया।
डर के मरे उसके मुँह से शब्द नहीं निकल पा रहे थे। वह औरत तब तक काफी दूर तक चली भी गयी थी। लेकिन उसके मन में उसका खौफ अभी भी चल रहा था। उसने जैसे तैसे अपने आप को संभाला और ठीक होने की कोशिश की।
थोड़े आगे जाकर उसने रिक्शा वाले से पूछा की क्या अपने उस औरत के पैर देखे थे। तो ऑटो वाले ने पीछे मूड कर देखा और कहा क्या उसके पैर ऐसे तो नहीं थे साहब। विवेक ने उसके पैरो की तरफ देखा तो वह भी उलटे पैर थे।
यह सब देख कर विवेक काफी गभरा जाता है वह ऑटो से उतर कर भागने लगता है। पीछे से ऑटो वाले की हसने की आवाज जोर जोर से सुनाई दे रही थी। विवेक लगातार भागता रहा और अपने घर जा पंहुचा। उसने घर जाकर चैन की सांस ली हलाकि वह बहुत तक और डर चूका था।
(5) गाँव का डरावना कुंवा
एक गाँव में एक पुराना कुंवा हुआ करता था जहा पर जाने से लोग आज भी डरते थे। क्यों की उस कुंवे में गिर कर बहुत से लोगो ने अपनी जान गँवा दी थी, तब से लोगो को इस कुंवे के आसपास जाना भी गंवारा नहीं था।
एक बार राजू और उसके दोस्त खेलते खेलते गाँव से दूर बने उस कुंवे की तरफ चल पड़े। वर्षो से इस कुंवे का किसी ने इस्तेमाल नहीं किया था। जिस वजह से कुंवे के आसपास काफी बड़े बड़े पेड़ पौधे लगे हुए थे। उसके बिच में कुंवा बना हुआ था जो सही से दिख नहीं रहा था।
बच्चे खेल रहे थे तभी उनकी बोल जाकर उस पुराने कुंवे के पास गिरी। सब बच्चे डर गए क्यों की कोई नहीं चाहता था की उस कुंवे के पास जाकर वह बोल उठाये। एक दो बच्चे हिम्मत कर के उस कुंवे के पास पहोचे लेकिन वहा का डरावना माहौल देख कर सब वापस आ गए।
फिर सारे बच्चो ने मिल कर निर्णय किया की सब लोग वहा पर जायेगे। जल्दी से बोल लेकर सब वहा से वापस भी आ जायेगे। बाद में सब बच्चे एक घेरा बना कर धीरे धीरे कर के वहा गए। वह लोग जैसे ही उस बॉल को उठाने आगे बढ़ते थे बॉल अपने आप ही पीछे हो जाती थी।
यह सब देख कर बच्चो को आश्चर्य हुआ की बॉल अपने आप कैसे पीछे जा रहा है। ऐसे चलते चलते वह लोग कुंवे के बिलकुल करीब आ पहोचे। वहा जा कर उन्होंने कुंवे के पास से एक डरावनी सी आवाज सुनी।
इसे सुन कर सब वहा से भागने लगे लेकिन उनके दोस्त का पैर वहा फस गया। बाकि सब चलते चलते काफी आगे तक पहुंच चुके थे। तभी राजू को याद आया की उनका एक दोस्त पीछे रह गया है। दूसरे लोग तो वापस वहा पर जाने के लिए तैयार नहीं हुए।
लेकिन राजू नहीं माना वह अपने दोस्त को बचाने के लिए वापस उस जगह पर जाने लगा। उसने वहा आकर देखा तो आत्मा ने उसके दोस्त को पकड़ लिया था और उसको कुंवे में डालने वाली थी। तभी राजू ने आ के कहा की वह उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन करवाएगा उसके दोस्त को छोड़ दो।
पहले तो आत्मा नहीं मानी लेकिन राजू के बार बार समझने की वजह से वह आखिर मान गयी। बाद में उसने दोस्त को छोड़ दिया और राजू उसे सही सलामत वापस ले आया। बाद में गाँव के लोगो ने मिल कर कुंवे के पास आत्मा की मुक्ति के लिए लोगो द्वारा हवन भी किया गया।
आशा करती हु सबसे ज़्यादा डरावनी भूतिया कहानियो के बारे में अच्छी जानकारी दे पायी हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अन्य लोगो के साथ भी जरूर शेयर करे।