अगर आपको भूतो की कहानिया पढ़ने मजा आता है, तो यहाँ हमने आपके लिए सबसे ज़्यादा डरावनी भूत की कहानी हिंदी में दर्शाई है। जो पढ़ने वाले के रोंगटे खड़े कर सकती है। हलाकि यह पुराने ज़माने की कहानी है लेकिन आज भी पढ़ने वाले के मन में एक खौफ पैदा कर सकती है।

बचपन से हमने हमारे पूर्वजो से भूत से जुड़े कही किस्से या कहानिया सुनी है। कुछ लोगो को इस पर विश्वास होता है, तो कुछ लोग इसे एक अंधविश्वास कह कर भी टाल देते है। हालांकि जिन लोगो को इसका सच में अनुभव हुआ है वह इसे अच्छे से जान सकते है।
भूत की डरावनी कहानी हिंदी में
कहानी शरू करने से पहले यह जान ले की यह इंटरनेट पर उपलब्ध सभी हॉरर स्टोरी से काफी अलग है। क्यों की इस कहानी के सत्य होने की अधिक संभावना है। जिस वजह से यह स्टोरी आपको काफी अंदर तक दर पैदा करने में कामियाब हो सकती है।
पिशाचिनी का हवेली
NOTE: यह कहानी सच्ची घटना से प्रेरित है, राजस्थान के एक गाँव की भयावह घटना पर आधारित है।
प्रस्तावना
राजस्थान के झुंझुनू ज़िले में एक सुनसान गाँव था भैरूपुरा। यह गाँव अब वीरान है। यहाँ कभी 200 से ज्यादा परिवार रहते थे, लेकिन अब केवल टूटी दीवारें, झाड़-झंखाड़ और एक डरावनी हवेली बची है — “ठाकुर हवेली”।
कहा जाता है कि उस हवेली में एक पिशाचिनी रहती है, जो इंसानों की आत्मा को खा जाती है। हर साल उस हवेली के आसपास कोई न कोई लाश मिलती है वह भी बिना आँखों की, चेहरे पर खून से लथपथ… और सीने में एक काले निशान के साथ।
👻 हकीकत की शुरुआत
ये बात 1992 की है जब गाँव में एक नवयुवती आई थी जिसका नाम था सावित्री देवी। वो एक अध्यापिका थी और सरकार की ओर से गाँव में स्कूल चलाने आई थी। उसको गाँव वालों ने उसे समझाया:
“ठाकुर हवेली से दूर रहना, बिटिया… वहाँ पिशाचिनी रहती है।”
लेकिन सावित्री पढ़ी-लिखी थी। उसने इन सब बातों को अंधविश्वास समझा। उसी हवेली के पास एक सरकारी क्वार्टर में रहने लगी। वह दिन रात इस हवेली से जुड़े रहस्यों को सुझाने के बारे में सोचती रहती थी।
रात के वक्त अक्सर उसे किसी महिला की चीखें सुनाई देतीं, कोई दरवाज़ा खटखटाता, कभी खिड़की अपने-आप खुल जाती। और कभी तो बाथरूम के आईने में उसे कोई परछाई दिखाई देती। वह परछाई सफेद साड़ी में, काले बाल, आंखें बिना पुतलियों के होती जो दिखने में काफी भयानक थी।
🩸 पिशाचिनी कौन थी?
उस गाँव में एक दंतकथा बहुत पुरानी थी
1800 के दशक में उस ठाकुर हवेली में एक नर्तकी चंपा लाई गई थी। ठाकुर साहब ने उसे जबरदस्ती बंदी बनाकर रखा, और कई सालों तक शारीरिक शोषण किया। जब उसने विरोध किया, तो उसकी जुबान काट दी गई, और उसे हवेली के तहखाने में ज़िंदा दफना दिया गया।
मरते वक्त उसकी आँखों से खून बहा था और वो फुफकारते हुए बोली थी:
“जिसने मेरी आत्मा को कुचला है, अब मैं उसकी हर पीढ़ी को खाऊँगी… हवेली मेरी होगी, और मैं खुद पिशाचिनी बन जाऊँगी…”
तभी से हर पीढ़ी में कोई-न-कोई ठाकुर परिवार का व्यक्ति रहस्यमयी तरीके से मरता रहा।
🧨 हवेली में रात

नवयुवती सावित्री को यह सब एक अंधविश्वास लगता था। इस वजह से एक दिन सावित्री ने तय किया कि वह इस रहस्य का पर्दाफाश करेगी। उसने कैमरा, टॉर्च और एक पुराना नक्शा लेकर हवेली में रात बिताने का निश्चय किया।
जैसे ही वह तहखाने में पहुँची, उसे ज़मीन से किसी के खून में डूबे नाखून निकले हुए दिखाई दिए। चारों ओर अस्थियाँ पड़ी थीं। अचानक पीछे से हवा नहीं, बल्कि साँसों की सरसराहट सुनाई दी।
और फिर… वो आई।
एक महिला…लेकिन उसका चेहरा इंसानी नहीं था। आँखों की जगह गड्ढे, मुँह इतना फटा हुआ जैसे किसी ने उसे जबरदस्ती चीर दिया हो… बाल ज़मीन तक लटकते हुए… और उसकी जुबान नहीं थी बस एक गहरी गुर्राहट…।
“तू मेरी जगह क्यों आई है? क्या तू भी मुझ जैसी है? या मेरे जैसा बनना चाहती है?” 👹👹
सावित्री डर से चिल्लाई लेकिन आवाज़ नहीं निकली 😱। तभी वह पिशाचिनी उसके चेहरे पर झुकती है और उसकी आँखों में देखती है… सावित्री की आत्मा जैसे खिंचती चली जाती है…।
इसके बाद वह खूंखार दिखने वाली पिशाचिनी सावित्री की जान लेने के लिए आगे बढ़ती है। उसकी काफी बुरी तरह से जान ले लेती है। बाद में सावित्री की एक अजीब और खौफनाक मौत हो जाती है।
☠️ अगली सुबह
गाँव वालों को सुबह उसकी लाश हवेली के बाहर मिली थी। उसकी आँखें बाहर निकली हुई थीं, जीभ आधी कटी, और सीने पर वही काला निशान था।
सरकार ने उसके मरने के बाद स्कूल बंद कर दिया। गाँव वालों ने एक बार फिर हवेली को लोहे की ज़ंजीरों से बाँध दिया। तब से लेकर आज तक वहा आसपास रहने वाले लोग वहा जाने की गलती नहीं करते।
लेकिन कहते हैं…
हर 15 साल में एक बार पिशाचिनी अपनी भूख को मिटाने के लिए ज़ंजीरें तोड़ देती है।
साल 2022 में, फिर वही काले निशान वाली एक और लाश मिली थी… और अब 2037 की तैयारी चल रही है…
😨 अंतिम चेतावनी
अगर कभी आप राजस्थान के झुंझुनू ज़िले में जाएं और कोई आपसे कहे:
“ठाकुर हवेली के पास मत जाना…”
तो मान लेना… कोई सावित्री तुम्हारे अंदर की आत्मा को अब तक पुकार रही है।
☠️ 2022 की घटना: “पिशाचिनी फिर लौटी…”
गाँव के लोगों ने सोचा था कि सावित्री देवी की मौत के बाद हवेली हमेशा के लिए शांत हो गई है। लेकिन 2022 में, 15 साल पूरे होने वाले थे — जैसे कुछ बुरा फिर से घटने वाला हो।
📅 घटना का दिन – 29 जुलाई 2022, अमावस्या की रात
गाँव में एक यूट्यूबर लड़का आया। वो भूत-प्रेत की कहानियों पर वीडियो बनाता था और “Haunted India Series” चला रहा था।
गाँव वालों ने उसे खूब चेताया
“हवेली में कैमरा ले जाना मौत को बुलावा देना है… सावित्री मैडम भी तुम्हारे जैसे ही गई थी।”
लेकिन उसने ने हँसते हुए कहा:
“मैं तो भूत को ट्रेंडिंग बना दूँगा!”
उसने दो कैमरे लिए, एक नाइट विज़न डिवाइस, और अपने चैनल के लिए लाइव रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। उसके दोस्त ने उसे बाहर से मॉनिटर किया।
🎥 रात 12:08 AM:
उसने हवेली के दरवाज़े पर दस्तक दी तो दरवाज़ा अपने आप खुल गया…
कैमरे में देखा गया हवेली का माहौल काफी अजीब था:
दीवारों पर खून से हाथ के निशान
फर्श पर पुरानी चूड़ियों की खनक
और हर ओर जलती अगरबत्तियों जैसी गंध
वह तहखाने की ओर गया और वहाँ उसे सावित्री की पुरानी डायरी मिली। उसने पढ़ा:
“मैंने उसकी आँखों में झाँका था… अब मेरी आत्मा भी इसी हवेली की दीवारों में कैद है।”
“वो वापस आएगी… 15 साल बाद…”
और तभी कैमरे ने कुछ रिकॉर्ड किया, जो आज भी अभी तक YouTube से हटाया जा चुका है —
एक परछाईं, जो दीवार से उतरकर उसके पीछे खड़ी हो गई थी… और धीरे-धीरे उसका चेहरा वही बन गया… चंपा पिशाचिनी!
उसके दोस्त ने लाइव स्क्रीन पर देखा तो कैमरा उलटा गिरा, स्क्रीन ब्लैक हुई, और एक अजीब सी आवाज़ आई:
“अब मैं पूरी हो गई हूँ…”
😱 अगली सुबह – 30 जुलाई 2022
राहुल की लाश हवेली के अंदर उस ही जगह मिली जहाँ सावित्री मरी थी —
आँखें बाहर निकली हुई
मुँह खुला, जीभ कटी
और सीने पर वही काले तीन पंजों का निशान
पुलिस आई, वीडियोज़ जब्त किए, लेकिन कोई फुटेज नहीं बची। गाँव में अफवाह फैल गई —
“पिशाचिनी ने नया शरीर ले लिया है…”
और तभी गाँव के कई लोगों ने दावा किया
उन्होंने एक नई लड़की को हवेली के आसपास घूमते देखा था… उसका चेहरा जाने-पहचाने जैसा था… और उसकी आँखें बिल्कुल वैसी ही थीं — बिना पुतलियों के।
🔥 क्या 2037 में फिर कोई मरेगा?
गाँव अब एक बार फिर वीरान है। हवेली अब तक सरकारी कब्ज़े में है, लेकिन रात होते ही हवेली के पास कोई नहीं जाता। हर साल अमावस्या की रात एक मोमबत्ती अपने आप हवेली के अंदर जलती है…
“वो अब अकेली नहीं है…”
“पिशाचिनी को नया शरीर मिल चुका है…”
“पिशाचिनी – चौथी मंज़िल की औरत”
यह कहानी बहुत डरावनी है रात के समय यदि पढ़ रहे है तो इससे काफी डर लगता है। तो आइये दोस्तों हम कहानी की तरफ आगे बढ़ते है।
🔰 भूमिका
पुणे शहर में एक पुरानी सोसायटी है शांति एन्क्लेव, जिसकी चौथी मंज़िल पिछले 15 सालों से खाली पड़ी है। उस मंज़िल पर चार फ्लैट हैं, लेकिन हर फ्लैट के दरवाज़े पर आज भी ताले लगे हैं, और ऊपर चढ़ते ही एक ठंडी, बर्फ़ जैसी हवा का एहसास होता है यहाँ तक कि गर्मी के दिनों में भी।
लोग कहते हैं —
“वहाँ कोई है… जो अब भी इंतज़ार कर रही है…”
🧕 कहानी की नायिका: सौम्या
साल 2021 में सौम्या, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी, मुंबई से पुणे नौकरी के लिए शिफ्ट हुई। उसका बजट सीमित था और रियल एस्टेट एजेंट ने कहा…..
“मैडम, एक फ्लैट है — बहुत सस्ता। लोग रहते नहीं, आपको शांति मिलेगी।”
सौम्या ने देखा — फ्लैट अच्छा था, साफ-सुथरा, लेकिन चौथी मंज़िल पर बिल्कुल अकेला। उसने किराया सस्ता देख और हाँ कर दी।
शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन तीसरे दिन से अजीब घटनाएँ शुरू हुईं:
आधी रात को बाथरूम का नल अपने-आप चलना
दरवाज़ा लॉक होने पर भी खुला हुआ मिलना
और सबसे अजीब — हर रात 3:03 AM पर मोबाइल की स्क्रीन अपने आप जल उठती… और उस पर एक अनजान नंबर से Missed Call आता
👁️🗨️ पहली मुलाकात
एक रात सौम्या उठी और किचन में पानी लेने गई। वहाँ उसने देखा — रसोई के कोने में एक औरत खड़ी थी, सफेद झीनी साड़ी में… बाल खुले… और वो दीवार की ओर मुँह करके खड़ी थी।
सौम्या ने डरते-डरते पूछा —
“क-कौन है आप?”
औरत ने धीरे से गर्दन घुमाई — उसका चेहरा नहीं था… वहाँ सिर्फ़ एक काली, जली हुई चमड़ी थी… और दो आँखें… जो पूरे लाल होकर जल रही थीं।
📖 पिशाचिनी की कहानी
सौम्या ने तय किया कि उसे पता करना ही होगा कि ये कौन है। उसने पुराने गार्ड से पूछा, जिसने डरते हुए बताया:
“मैडम, साल 2007 में इस चौथी मंज़िल के एक फ्लैट में कविता नाम की महिला रहती थी। उसका पति विदेश में था। एक रात अचानक उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और उसने खुद को कमरे में बंद करके आग लगा ली। जब तक लोग पहुंचे, वो पूरी तरह जल चुकी थी… लेकिन मरने से पहले उसने दीवार पर लिखा था।
‘मैं लौटी तो इंसान नहीं रहूंगी…’
“तब से चौथी मंज़िल पर कोई नहीं रहता…”
🔥 क्लाइमेक्स
सौम्या ने फ़्लैट छोड़ने का फैसला किया। पैकिंग के दौरान, उसकी आंखों के सामने किचन के शीशे पर लिखा दिखाई दिया —
“तू नहीं जाएगी… तू मेरी जगह लेने आई है…”
उसी रात 3:03 AM पर एक आवाज़ आई — दरवाज़ा अपने आप खुला।
वहीं परछाई धीरे-धीरे अंदर आई —
अब उसकी चाल सौम्या जैसी थी… उसकी आँखें भी सौम्या जैसी… लेकिन चेहरा वही कविता जैसा — जलता हुआ…
📅 अगले दिन की रिपोर्ट
सोसायटी ने पुलिस को बुलाया — फ्लैट में ना कोई शव था, ना सौम्या।
लेकिन CCTV में आखिरी फुटेज में देखा गया —
सौम्या खुद खिड़की से नीचे कूद गई थी… लेकिन उसका चेहरा… उसका चेहरा बदल चुका था…
😨 अंतिम पंक्तियाँ
अब चौथी मंज़िल पर एक नई पिशाचिनी रहती है…
वो हर 3:03 AM पर किसी को बुलाती है…
और जो भी वहाँ गया — वापस नहीं आया।
आशा करती हु सबसे ज़्यादा डरावनी कहानी हिंदी में अच्छे से दर्शित कर पायी हु। अगर यह पिशाचिनी वाली कहानी आपको पसंद आयी हो तो अपने मित्रो के साथ इसे शेयर करना बिलकुल न भूले।