हमारे प्राचीन भारत की ऐसी कही रहस्य्मय किताबे है जिनका रहस्य आज तक नहीं खुला, उन्ही में से एक है नीलावंती ग्रंथ। जिसका रहस्य क्या है और यह किताब शापित क्यों है ऐसे कही सवाल लोगो के मन में है। इस पुस्तक में तंत्र साधना और यक्षिणी के बारे में बताया गया है।

इस कहानी का मुख्य पात्र निलावंती है, जिसकी विशेषता यह थी की वह पेड़, पौधे जानवर एवं पक्षिओ की भाषा समझ सकती थी। उसके सपने में कही बार भयानक राक्षस आते थे। जब वह बड़ी हुई तो उसको भूतप्रेत और राक्षस सच में दिखने लगे।
इसी वजह से उसको पता चल गया की वह कोई सामान्य स्त्री नहीं बल्कि एक यक्षिणी है। कहा जाता है की यक्षिणी के पास अद्भुत शक्तिया होती है, जिससे वह चाहे वो कर सकती है। लेकिन निलावंती ने कभी भी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल नहीं किया।
निलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है
इसके बारे में कही प्रकार के रहस्य देखने मिलते है जैसे की निलावंती को जो सपने आते थे उसमे राक्षस उन्हें मंत्र देते थे उसके बारे में। उसको बचपन से ही आयुर्वेदा में काफी रूचि थी। जिस वजह से उसको पेड़ पौधों के बारे में काफी अच्छी जानकारी थी, जिसका रहस्य उस किताब में था।
निलावंती देवी के सपने में जो राक्षस आते थे वह उसको जमीन के भीतर छुपे धन दौलत के बारे में भी बताते थे। लेकिन अपने अच्छे व्यवहार और नेक दिली के कारण उन्होंने कभी खोद कर उस धन को निकलने की कोशिश भी नहीं की। हलाकि वह इन सब के बारे में पुस्तक में लिखती रहती थी।
कहा जाता है की निलावंती को राक्षस ने कुछ मंत्र दिए थे। जिसको वह पीपल के पेड़ के पत्तो पर इस प्रकार के मंत्र लिख लेती थी। इसके बाद थोड़े समय के अंदर निलावंती को पता चला की वह एक यक्षिणी है। जो एक श्राप की वजह से यहाँ आयी है और इसमें फसी हुई है।
निलावंती ग्रंथ के मुख्य रहस्य
हमारे भारतीय पुरातन काल में कही प्रकार की रहस्यमयी पुस्तके है, जिनका रहस्य आज तक उजागर नहीं हुआ। या तो इसे उस समय की सरकार द्वारा नष्ट किया गया था या इसके योग्य देखभाल ना होने की वजह से यह कही खो चूका है।
ऐसा ही एक ग्रंथ है निलावंती जिसके कुछ मुख्य रहस्यों की सटीक जानकारी निचे मुताबिक दी गयी है।
तंत्र विद्या के बारे में
कहा जाता है की इस किताब के अंदर कही विशेष प्रकार के मंत्रो का वर्णन किया गया है। ऐसा भी माना जाता है की इन मंत्रो का सीधा संबंध अलौकिक शक्तियों से है। इन मंत्रो के बारे में ज़्यादा जानकारी तो नहीं है पर आज भी कुछ साधक इसके ज्ञान की खोज में लगे हुए है।
इसमें विद्या, धन-संपत्ति आकर्षण के रहस्य और तांत्रिक साधनाओं का गूढ़ ज्ञान संग्रहित था। इस कारण कही लोगो ने इस पुस्तक के रहस्य को जान के धन दौलत हासिल करने की इच्छा रखी। आगे जा कर ऐसे लोगो की वजह से यह पुस्तक शापित हो गया।
पशु पक्षिओ की भाषा
निलावन्ती के अंदर कही तरह की अद्भुत शक्तिया थी जिस वजह से वह अपने आसपास के प्राणिओ की भाषा समझने में भी सक्षम थी। इससे जुडी जानकारी हमे उनके द्वारा लिखी गयी किताब में देखने मिलती है।
बचपन से ही निलावन्ती को इन सब के बारे में पता था जिस वजह से पशुओ से जुड़ा काफी सारा ज्ञान उनको हासिल था। जिसे पुस्तिका में भी लिखा गया था। पशु चिकित्सा के लिए किताब का यह रहस्य काफी अच्छा साबित हो सकता है।
यक्षिणी का रहस्य छुपा है
पुस्तक की मूल लेखिका निलावंती एक यक्षिणी थी जिसका सबसे बड़ा रहस्य इस किताब में छुपा है। उसने इसमें यक्षिणी से जुडी कही महत्वपूर्ण जानकारी इस किताब में लिखी थी। लेकिन इसके पन्ने ना मिलने के कारण इस रहस्य का उजागर कभी हो ही नहीं पाया।
सामान्य स्त्री के मुकाबले यक्षिणी अधिक आकर्षक, कामुक, सुंदर और संमोहन करने वाली होती है। यक्षिणी के अंदर बहुत तरह की अलौकिक शक्तिया होती है। जिससे वह इंसानो से ना होने वाला कठिन से कठिन कार्य आसानी से कर पाती है।
आयुर्वेदा की उत्कृष्ट जानकारी
जैसा की हम सभी जानते है हमारे प्राचीन भारत में स्वास्थ्य से जुडी समस्याओ का समाधान करने के लिए मुख्य रूप से आयुर्वेद का प्रयोग किया जाता था। बचपन से ही निलावन्ती देवी को अपने पिता जी द्वारा आयुर्वेदा से जुडी अनेक नई और उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई थी।
इन उपचारो द्वारा केवल मानव ही नहीं बल्कि पशु पक्षिओ का उपचार भी किया जाता था। इनके द्वारा लिखे गए ग्रंथ में आयुर्वेदा की बहुत उपयोगी जानकारी मौजूद थी। क्यों की वह आयुर्वेदा के बारे में बहुत कुछ और अद्भुत उपायों के बारे में जानती थी।
धन दौलत का रहस्य
निलावन्ती कोई सामान्य स्त्री नहीं बल्कि एक यक्षिणी थी जिस वजह से उसे सपने में राक्षस दीखते थे। जब वह बड़ी हुई तब उसे सच में बहुत प्रेत सब दिखने लगे। वह उसे एक जगह और एक मंत्र देते थे जहा बहुत धन दौलत मौजूद होती थी। लेकिन निलावंती ने कभी उस जगह को खोदा नहीं।
हालांकि वह इन सब रहस्यों को पुस्तक में लिख देती थी। उस पुस्तक को पा कर लालच करने वाले लोगो की वजह से इसे शापित किया गया। ताकि किसी गलत व्यक्ति के हाथो में वह धन दौलत ना आए। यह इस ग्रंथ का एक सबसे बड़ा रहस्य माना जाता है।
ज्ञान और अपार शक्ति
पुस्तिका के भूतकाल से ही पता चल जाता है की इसमें अपार शक्ति और ज्ञान की कही महत्व लक्षी बाते होगी। निलावन्ती ने अपने जीवन और शक्तिया सिद्धियों द्वारा जो ज्ञान हासिल किया था, उन सभी की जानकारी किताब में मौजूद होने की संभावना है।
किताब को पढ़ने से तंत्र विद्या से लेकर आयुर्वेद और पुरातन काल के बारे में ज्ञान मिलता है। मान्यताओं अनुसार ऐसा भी कहा जाता है की इसमें तंत्र विद्या का ज्ञान मौजूद है। इस विद्या को कर के सामान्य इंसान भी एक अपार शक्ति का मालिक बन सकता है।
निलावंती ग्रंथ शापित क्यों है?
लोक कथाओ अनुसार कहा जाता है की इस ग्रंथ का जुड़ाव सीधा कोई अदृश्य शक्ति और चेतना से जुड़ा है। इसे पढ़ते समय वह शक्तिया जागृत हो सकती है। यदि कोई नियम तोड़े तो क्रोधित हो कर वह शक्तिया पढ़ने वाले को नुकसान भी पंहुचा सकती है।
कहा जाता है की निलावंती ग्रंथ का दुरूपयोग ना हो इसी वजह से निलावंती ने इस पुस्तक को शापित किया था। जो भी इसका गलत उपयोग करेगा वह नष्ट हो जायेगा। इसी कारण इस ग्रंथ को लोग भूत, प्रेत एवं आत्माओ के साथ जोड़ने लगते है।
निलावंती ग्रंथ को शापित मानने के पीछे कर्म और ज्ञान का दर्शन छिपा है। यह ग्रंथ उनके लिए वरदान हो सकता है जो इसे सही उद्देश्य से पढ़ते हैं, लेकिन दुरुपयोग करने वालों के लिए यह अभिशाप बन जाता है।
आशा करती हु निलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है और यह शापित क्यों है की पूरी जानकारी अच्छे से दे पायी हु। पोस्ट पसंद आयी हो तो अन्य लोगो के साथ भी इसे जरूर शेयर करे।
जाने निलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है और इसे शापित क्यों किया गया था, ग्रंथ के सारे रहस्य तांत्रिक विद्या साधना, आयुर्वेदा संहिता, पशुओ की भाषा एवं यक्षिणी और पुस्तक से जुड़े सभी रहस्यों की जानकारी पढ़े।